
यहलेख में हम जानने वाले हैं Gandhi Jayanti Essay Writting के बारे में। जैसे कि आप सबको पता ही होगा राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के जन्मदिन भारत समेत विश्व के हर हिस्से में मनाई जाती है। महात्मा गांधी यानि कि बापूजी विश्व में सबसे लोकप्रिय जननायक है क्योंकि उन्होंने बिना युद्ध करें भारत को आजादी दिलाई थी। भारत देश के आजादी में उनके अवदान सबसे बड़ी थी।
पर्व | गांधी जयंती |
तारीख | अक्टूबर 2 |
विषय | गांधी जयंती निबंध |
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अहिंसा मार्ग पर चलकर भारत को आजादी दिलाने वाले गांधीजी देश के आजादी का एक साल में ही चल बसे। वह विश्व में इसीलिए लोकप्रिय है क्योंकि उन्होंने अहिंसा मार्ग पर चलकर बिना किसी खून खराब आकर भारत भारत को आजादी दिलाई थी। इसीलिए उनके जन्मदिन यानी कि अक्टूबर 2 तारीख को भारत में गांधी जयंती नाम से मनाई जाती है। और विश्व में यह दिन अहिंसा दिवस रूप से मनाई जाती है।
Gandhi Jayanti Essay Writting 2024 ( गांधी जयंती पर निबंध)
गांधी जयंती के दिन भारत में बहुत सारे शिक्ष्या अनुष्ठान और राजनीतिक अनुष्ठान ड्राइंग और खेल जैसे बहुत सारे प्रतियोगिता के आयोजन करते हैं और वह प्रतियोगिता में निबंध लिखना जैसे प्रतियोगिता भी शामिल होते हैं। अच्छी निबंध लिखने से बह अनुष्ठान पुरस्कार घोषणा करती है, लेकिन भारत में ऐसे बहुत बच्चे हैं जिसको अच्छा निबंध लिखना नहीं आता इसीलिए बह कभी प्राइज नहीं जीत पाते।
बहुत सारे अनुष्ठान में बच्चों को वह दिन की महत्व और आयोजन तरीके समझने केलिए निबंध लिखने को बोलते हैं। यदि आप भी महात्मा गांधी जयंती निबंध प्रतियोगिता में सामिल होना चाहते हैं लेकिन आपको निबंध लिखना नहीं आता है। तो आप नीचे इसके बारे में निबंध कैसे लिखना है के बारे में बताया गया है। जिसकी मदद से आप Gandhi Jayanti Speech दे सकते हैं या फिर निबंध लिख सकते हैं।
गांधी जयंती निबंध 100 शब्द (Gandhi Jayanti Essay In Hindi 200 Words)
गांधी जयंती राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के जन्म दिन को याद करके भारत के हर एक अनुष्ठान में मनाई जाती है। इस दिन महान जननायक महात्मा गांधी को जन्म हुआ था यह दिवस हर साल अक्टूबर महीने का 2 तारीख को मनाई जाती है। बापूजी विश्व की सबके लोकप्रिय लोग थे क्यों की वह भारत को आजादी दिलाई थी।
गांधीजी के जन्म दिन पर संयुक्त राष्ट्र द्वारा सारे विश्व में इस दिन को अहिंसा दिवस नाम से मनाई जाती है। क्यों की अहिंसा धर्म अपना कर बापू ने भारत को अंग्रेज शासन से मुक्ति दिलाई थी। इसीलिए उनको राष्ट्रपिता सम्मान से सम्मानित करते हुए उनके जन्म दिवस को याद करके गांधी जयंती मनाई जाती है।
Gandhi Jayanti Essay In Hindi 200 Words (गांधी जयंती निबंध 200 शब्द)
महात्मा गांधी के जन्म 2 तारीख अक्टूबर 1869 के दिन गुजरात के पोरबंदर में हुई थी। वह बचपन से ही सबसे अलग थे। बचपन से ही उनका एक लक्ष्य था की भारत को अंग्रेज सरकार से आजादी दिलाना, और भारत में भारत सरकार का शासन चलाना। इनकी सोच को हकीकत तब मिली जब पढ़ाई के समय वह कॉलेज में बहुत सारे राजनैतिक गतिविधियों में सामिल हुए, और उन्हें भारत के हर मुद्दा अंतर्जातीय लेवल पर उठने को मिली।
फिर बार में उनको दक्षिण अफ्रीका में भारत समुदाय के लोगों के प्रति होने वाले अत्याचार के खिलाफ वकील के तौर पर दक्षिण अफ्रीका में सत्याग्रह करना सुरु किया। और वहां सर लोग दलित, किसान और गरीब श्रेणी के थे इसीलिए उनको एकजुट करके भेदभाव के खिलाफ आवाज उठाने से भारत आजाद सत्याग्रह केलिए उनको मदद मिला।
उनके जीवन काल में वह बहुत सारे अंग्रेज सरकार विरुद्ध आंदोलन, मुक्ति आंदोलन, और भी बहुत सारे सत्याग्रह में सामिल थे उनमें से सबसे बड़ी आंदोलन भारत छोड़ो आंदोलन था जो 1942 से 1945 तक चलता रहा। जिसकी मदद से उन्होंने अंग्रेज सरकार को भारत छोड़ने को मजबूर कर दिया था। इसीलिए हर साल इसी दिन उनको याद करके सारे भारत में गांधी जयंती का पालन किया जाता है।
गांधी जानती पर 500 शब्द का निबंध (500 Word Gandhi Jayanti Essay)

राष्ट्रपिता यानी कि महात्मा गांधी के नाम से परिचित महान जननायक का जन्म भारत देश एक गुजूरत राज्य में पोरबंदर नाम का एक बंदर गांव में 2 अक्टूबर 1869 के दिन एक हिंदू परिवार में हुआ था। उनके नाम उनके पिता द्वारा मोहन दास करमचंद गांधी रखा गया। मोहनदास पढ़ाई में सबसे आगे थे क्यों की उनका अंग्रेजी और राजनीत में प्रखर ज्ञान था।
गांधी जी को बिबाह सिर्फ 13 साल की उम्र में कस्तूरबा गांधी के साथ कर दी गई। भारत में सारे शिक्ष्या संपत करके बह आगे का पढ़ाई केलिए लंदन चले गए। वहां उन्होंने वकील को पढ़ाई की और फिर से बाहर लौट आए लेकिन वह भारत का प्रगति चाहते थे लेकिन भारत में तत्कालीन अंग्रेज सरकार सारे पदों पदवी पर हक बनाकर रखे थे और भारतीय लोगों को अपने ही देश में किसी भी प्रकार का सुविधा नहीं मिलते थे इसीलिए उन्होंने और अंग्रेज विरुद्ध लड़ने केलिए लोगों के पास ना कोई क्ष्यमता थी ना लोगों के बीच एकता थी।
इसीलिए उन्होंने भारत में आ कर अंग्रेज सरकार के विरुद्ध आंदोलन को समर्थन की और देश और विदेशों में अंग्रेज सरकार के खिलाफ सभाएं और मीटिंग सुरु करदी। अंग्रेज सरकार द्वारा लाए जाने वाले सारे कानून जो कि मानवाधिकार के खिलाफ है उनके विरुद्ध आंदोलन करना शुरू कर दिए। जिनके समर्थन में भारत के बहुत सारे लोग और राजनैतिक संगठन ने उनका भरपूर समर्थन किया।
दक्षिण अफ्रीका में भारतीय लोगों के ऊपर होने वाले अत्याचार के खिलाफ आवाज उठाने में गांधीजी पहले भारतीय थे। भारत लौटने के बाद वह सक्रिय राजनीति में सामिल हुए और भारतीय कांग्रेस पार्टी में सामिल हो गए। भारतीयों से उनके अधिकार को छीन लिया गया इससे परेशान बापू ने अंग्रेजों के खिलाफ आंदोलन की घोषणा कर दी। उन्होंने भारत में पहली बार असहयोग आंदोलन की शुरुवात की, जिसमे उन्होंने भारत
को बाहर से आने वाले सारे विदेशी चीजों का बर्जन करने केलिए आह्वान किया। जिससे प्रभावित लोग उनके साथ योगदान की, जिसने पूरा अर्थनीति को हिला कर रख दी। उसके बाद उन्होंने दिन के दिन नया नया आंदोलन सुरु की और अंग्रेज सरकार को पीछे ढकलने केलिए मजबूर कर दी।
अंत में उन्होंने भारत आजादी केलिए भारत छोड़ो आंदोलन का शुरुवात की और देश में अंग्रेज नीतियों के विरुद्ध जंग सुरु कर दी लेकिन, मोहनदास इसीलिए लोकप्रिय हुए क्यों की उन्होंने खून खराबा के बिना ही अहिंसा नीति पर चल के अंग्रेज सरकार को भारत से बाहर करने केलिए सफल हुए। इसीलिए उनको भारत का राष्ट्रपिता सम्मान से सम्मानित किया गया और भारत को आजादी मिली।
लेकिन आजादी की 1 साल बाद प्रार्थना करने के लिए जाते समय उनके हत्या नाथूराम गोडसे नाम का एक व्यक्ति ने कर दी जिसने सारी विश्व को ही हिला के रख दिया क्योंकि जिन्होंने भारत को आजादी दिलाई उसको भारत की एक आदमी ने क्यों मारा। वह क्यों मारा यह भी किसको पता ना चला और नाथूराम को फशी हो गई। इसीलिए महात्मा गांधी के अवदान को याद करते हुए प्रति वर्ष भारत के हर एक अनुष्ठान में उनके जन्म दिन को गांधी जयंती नाम से मनाई जाती है।
महात्मा गांधी जयंती के ऊपर निबंध (Long Essay For Gandhi Jayanti)
प्रस्तावना
अहिंसा परमो धर्म, यह महात्मा गांधी के द्वारा दिया गया एक ताकतवर शब्द है। जिसकी मदद से भारत को अंग्रेज सरकार से आजादी मिली। उनके द्वारा दिया गया सारे वचनों को आज भी स्कूलों और अनुष्ठान में दोहराया जाता है। इसीलिए हर साल आज के दिन भारत गांधी जयंती पालन करता है। आइए वह जननायक के जन्म वार्षिक पर उनके संबंधित कुछ जानते हैं।
महात्मा गांधी के प्रारंभिक जीवन
महात्मा गांधी सन 1869 अक्टूबर 2 तारीख के दिन गुजरात का पोरबंदर में जन्म हुआ। इनके पिता का नाम करमचंद गांधी और माता का नाम पुतली बाई था। सिर्फ 13 साल की उम्र में गांधीजी का बीबाह कस्तूरबा गांधी से हो गया था, और सिर्फ 15 साल में गांधी के पहला पुत्र संतान जन्म हुआ था।
पढ़ाई जीवन
मोहनदास पढ़ाई में आगे थे क्यों वह गणित और अंग्रेजी, राजनीति विज्ञान में उनको महारत हासिल थी। उन्होंने गुजरात के समलदास कॉलेज से मैट्रिकुलेशन पास करने के बाद लॉ की पढ़ाई केलिए उनको 1888 सितंबर 4 तारीख में लंदन जाना पड़ा और वहां से उन्होंने बैरिस्टर की डिग्री हासिल की। कुछ साल बाद भारत में उन्होंने कांग्रेस पार्टी में योगदान किया।
आंदोलन
पढ़ाई के बाद उन्होंने छोटे मोटे आंदोलन में योगदान किया और पहली बार उन्होंने दक्षिण अफ्रीका में भारतीयों के प्रति होने वाले अत्याचार जैसे की उनको ट्रेन के फास्ट कॉल्स में कभी जाने नही दिया जाता था और भी बहुत सारे जगह को जाना बंद कर दिया गया था। इसके खिलाफ आवाज पहले गांधीजी ही उठाए थे। इसके बाद 1922 में असहोयोग आंदोलन, 1930 में लबान सत्याग्रह और 1942 से 1945 तक स्वाधीनता चलता रहा जिसके कारण अंग्रेज सरकार भी भारतीयों के सामने हार गए गए और भारत को आजादी और भारत पाकिस्तान का बटवारा करने में बापूजी का ही सबसे बड़ी हाथ है।
गांधी जी के हत्या
1948 जनवरी 30 तारीख न्यू दिल्ली के बिरला हाउस में नाथूराम गोडसे द्वारा गांधीजी को गोली मर कर हत्या कर दी गई। जो एक कट्टर हिंदू थे और गांधी जी के खिलाफ थे क्यों की उनको लग रहा था की गांधीजी पाकिस्तान की सहायता कर रहे हैं। अभी न्यू दिल्ली के राजघाट में महात्मा गांधी के स्मारक अवस्थित है।
अंत
भारत के आजादी में सबसे बड़ी नायक महात्मा गांधी को ही माना जाता है। इसीलिए महात्मा गांधी के जन्म दिवस पर सारे भारत इस दिन गांधी जयंती मनाती है, और विश्व समुदाय इस दिन को अहिंसा दिवस रूप से मनाती है।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)
गांधी जयंती पर निबंध कैसे लिखें?
निबंध लिखने के लिए गांधी जी के जन्म से मृत्यु तक सारे कुछ जानकारी निबंध में लिखें।
महात्मा गांधी पर 100 शब्दों में एक छोटा पैराग्राफ क्या है?
महात्मा गांधी का जन्म साल 1869 अक्टूबर 2 तारीख को गुजरात शहर के पोरबंदर में हुआ था उनके माता का नाम था पुतलाबाई और पिता का नाम था करमचंद गांधी।
छात्रों के लिए गांधी का संदेश क्या है?
छात्रों के लिए गांधी का संदेश यह है कि सर्वदा सत्य वचन बोले और अहिंसा मार्ग में चलें जिससे आपको जीत हासिल होते हैं।
निष्कर्ष
आशा करता हूं Gandhi Jayanti Essay Writting और महात्मा गांधी जयंती निबंध के बारे में यह लेख आप सबको पसंद आया होगा। इस लेख से संबंधित किसी भी सवाल हमे कॉमेंट में पूछें और इसी तरह पोस्ट केलिए हमे सस्क्राइब करें क्यों की Gandhi Jayanti Essay In Hindi 200 Words जैसे पोस्ट सिर्फ हमारे साइट पर ही मिल पाएगा।

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