Jitiya Vrat 2024 Mein Kitne Tarikh Ko Hai: व्रत की विधि और कुछ खास जानकारी

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Jitiya Vrat 2024 Mein Kitne Tarikh Ko Hai

यह लेख में आप सबको Jitiya Vrat 2024 Mein Kitne Tarikh Ko Hai और यह व्रत की विधि के बारे में बताने वाले हैं। जैसे की आप सबको पता ही होगा भारत में बहुत सारे पर्व मनाया जाता है, वैसे ही भारत के बिहार, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों में यह पर्व अपने बच्चों के सुख समृद्धि केलिए सारे मां यह व्रत मनाती है।

पर्वजितिया व्रत
तारीखसितंबर 24
उद्देशसंतान की रक्षा
भगवानजीमूत बहन और सूर्य देवता
और जानेंक्लिक करें

यदि आप भी यह व्रत करना चाहते हैं, इसकी विधि के बारे में जानना चाहते हैं, तो हमारा यह लेख को शुरू से अंत तक पढ़ें।

Jitiya Vrat 2024 Mein Kitne Tarikh Ko Hai

हर साल की तरह इस साल भी हिंदू धर्म के अनुसार आश्विन मास शुक्ल पक्ष अष्टमी तिथि यानी की 24 सितंबर के दिन यह व्रत पालन किया जाएगा। इस दिन हिंदू मान्यताओं के अनुसार इस दिन सारे मां अपने संतान केलिए निर्जल उपवास रखते हैं।

Jitiya Vrat Katha In Hindi

नीचे आपको Jitiya व्रत कथा के बारे में बताया गया है, यदि आप यह व्रत कथा के बारे में जानना चाहते हैं तो पढ़ें:

पौराणिक कथा के अनुसार एक नदी के किनारे एक जंगल में चील पक्षी और लोमड़ी रिहेते थे। एक दिन उन्होंने देखा कि कुछ महिला एक पैड के नीचे कोई पूजा कर रहे हैं। उनको देख कर दोनों ने व्रत उपवास रखना शुरू किया व्रत के दौरान लोमड़ी भूख के चलते बेहोश हो गई और भूख मिटाने केलिए चुपके से खाना खा लिया, लेकिन चील पूरे व्रत पालन की। फल स्वरूप कुछ दिन बाद लोमड़ी की सारे बच्चे बच्ची मरगाए, लेकिन चील की सारे बच्चे बच गए।

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महाभारत युद्ध के मान्यताओं के अनुसार पिता के में के बाद द्रोणाचार्य ले पुत्र अश्वस्थामा पिता मृत्यु के प्रतिसोध स्वरूप पांडव शिविर में घुस कर पंडाबों के सारे पुत्र को मार दी। इससे क्रोधित अर्जुन अश्वस्थमा से माथा से उसकी मनी छीन ली। परिणाम स्वरूप अश्वस्थाम अपने शक्ति से ब्रह्मास्त्र का प्रयोग करके अभ्युमन्यु के पत्नी उत्तर पेट में में बढ़ने वाला संतान को मारने की प्रयास की लेकिन श्रीकृष्ण ने अपने शक्ति की प्रयोग करके वह पुत्र संतान को गर्भ में ही फिर एक बार जीवन दान दिए। जिसके चलते वह संतान का नाम जीबितपुत्रिक पड़ा इसलिए उसी दिन से भारत की माता अपने संतान की सुरक्षा केलिए यह व्रत रखते हैं।

Jitiya Vrat Vidhi 2024

Jitiya Vrat Vidhi 2024
Jitiya Vrat Vidhi

यदि आप भी यह व्रत रखना चाहते हैं तो आपको जरूर इस व्रत की विधियों के बारे में जानना जरूरी है जैसे की:

  • सबसे पहले शुबहा उठ कर नहा धो कर गाय का गोबर ला कर पूजा स्थान को लीपकर शुद्ध कर दें।
  • पूजा स्थल में एक छोटा सा तालाब बनाएं और उसके पास एक पीपल पैड की शाखा रखें।
  • फिर कुश से जिमुतबाहन कि प्रतिमा बना कर स्थापना करें।
  • उसके बाद उनको सरसों का तेल चढ़ाएं।
  • इसके बाद उसको लाल और पीली कपड़ों से अलंकृत करें।
  • फिर उनको फूल, फल और दिया का उपयोग करके उनके पूजन करें।
  • मिट्टी से मादा चील और लोमड़ी का प्रतिमा बनाएं और दोनो के माथा को सिंदूर से सजाएं।
  • याद रखें इस दिन निर्जल उपवास रखना है, इसीलिए किसी भी प्रकार का खाना खाने से बचें।
  • पूजा के दौरान यह व्रत की कथा पढ़ें और सबको सुनाएं।
  • अंत में जितिया व्रत के बाद महिलाएं लाल रंग का धागा अपने गले में पहने, और दक्षिणा के स्वरूप कुछ दान करें।

Jitiya Vrat ki Samagri

  1. कुशा और बांस के पत्ते
  2. फूल
  3. धूप
  4. दिया
  5. फल और मिठाई
  6. सुता
  7. सरसों का तेल
  8. भूमि शुद्ध करने केलिए गोबर

कुछ जरुरी जानकारी

  • पीरियड्स की समय में भी आप रख सकते हैं यह व्रत।
  • इस दिन खाना खाना वर्जित है और नोनभेज खाने से बचें।
  • भूल कर भी पानी ना पीएं।
  • व्रत करने से पहले दिन ही खाना खा लें जैसे आपको उस दिन खाना खाने को न पड़ें।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)

जितिया व्रत के दिन सभी माताएं अपने संतानों का सुरक्षा केलिए जिमुतबाहन और सूर्य भगवान की करती है।

जितिया व्रत रख कर सभी माताएं अपनी संतान की दीर्घायु और सुरक्षा कामना करते हैं।

जितिया व्रत आप रात 12 बजे यानी को पूजा समाप्त होने के बाद पूजा भोग खा कर यह व्रत तोड़ सके हैं।

निष्कर्ष

आशा करता हूं Jitiya Vrat 2024 Mein Kitne Tarikh Ko Hai और इसके विधि के बारे में यह लेख आप सबको पसंद आया होगा। यदि यह लेख आपको पसंद आया है तो यह लेख को दोस्तों के साथ शेयर करें। इसी तरह लेटेस्ट पोस्ट केलिए हमे सस्क्राइब करें।

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